हिंदू पंचांग के अनुसार, शनिवार के दिन भाद्रपद की पूर्णिमा पड़ रही है। ऐसे में इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। बता दें कि भाद्रपद पूर्णिमा को भादौ पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस दिन से पितृ पक्ष की भी शुरुआत हो जाती है।शनिवार के साथ पूर्णिमा का योग होने से इस दिन भगवान विष्णु के साथ शनिदेव की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही आज के दिन हनुमान जी की पूजा करना भी श्रेष्ठ साबित होगा। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत सुबह भगवान सूर्य को जल अर्पित करने के साथ करें। 

  • आज सुबह पवित्र नदी में स्नान आदि करने के बाद दान पुण्य करने की परंपरा है। इसलिए स्नान जरूर करें।
  • अगर आप नहीं जा पा रहे हैं,तो घर पर ही स्नान के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डाल लें। स्नान करते समय नदियों के नामों का स्मरण करें।
  • एक तांबे के लोटे में जल भर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इसके साथ ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।
  • आप चाहे तो सूर्य को चढ़ाए जाने वाले जल में थोड़ा सा सिंदूर और अक्षत भी डाल सकते हैं।
  • पूर्णिमा के दिन शिव जी की पूजा अवश्य करें। इसके लिए एक तांबे से जलचढ़ाएं। इसके साथ ही ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही शिवलिंग में बेलपत्र, शमी, धतूरा, आक का फूल आदि चढ़ाएं।
  • शनिवार के दिन पूर्णिमा होने के कारण भगवान हनुमान की पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा। इसलिए आज हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ करें।
  • पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा सुनना लाभकारी माना जाता है।
  • पूर्णिमा के दिन शनिवार होने के कारण इसका महत्व अधिक बढ़ गया है। इसलिए इस दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें। इसके साथ ही जरूरतमंदों को अनाज दें।