जयपुर । राजस्थान में कोरोना संक्रमण से राहत मिली ही है कि इस वर्ष डेंगू के डंक ने सभी को परेशान कर दिया राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में डेंगू के मरीज तेजी से बढ़ रहे है इसके अलावा मौसमी बीमारियों में मलेरिया, स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस के मरीज भी बढ़े है। लेकिन चिकित्सा विभाग अभी भी नींद में है।
विभाग बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूकता के अलावा कोई कदम नहीं उठा रहा जिसका नतीजा है कि इस वर्ष मौसमी बीमारियों के मरीज 30 फीसदी अधिक आ रहे है. जिनमे अधिकांश मरीज डेंगू के है राजस्थान में मानसून के लंबे दौर के बाद अब डेंगू का डंक कहर बरपा रहा है. वहीं स्वाइन फ्लू ने पैर पसारने शुरू कर दिये हैं. इनके साथ ही मलेरिया समेत अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अधिक संख्या में प्रदेश में इस बार डेंगू के मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे है। राजस्थान में इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 3581 डेंगू के मरीज दर्ज किये जा चुके है. वहीं इस वर्ष प्रदेश में मलेरिया और डेंगू के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे है. जिसको लेकर स्वास्थ्य महकमे में हडक़ंप मचा हुआ है स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बीते 2 वर्षो से डेंगू के मरीज, मलेरिया की तुलना में तेजी से बढ़े है. इस वर्ष बीते 12 दिनों में डेंगू के मरीज दोगुने हो गए है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस वर्ष 15 सितंबर तकएक हजार 868 पॉजिटिव केस मिले और चार लोगों की मौत हुई। जयपुर में 532 मामले आए थे. जो अब बढक़र 1201 हो गए है. जबकि जयपुर में बीते वर्ष अब तक 1 हजार मरीज देखे गए थे . इसी तरह दौसा, करोली, बाड़मेर, झुंझुनू सहित सभी जिलों में मरीज तेजी से बढ़ रहे है. चिकित्सकों के अनुसार इस बार अधिक बारिश होने के कारण डेंगू का खतरा भी अधिक है. इसलिए सतर्क रहना बेहद जरुरी है। बारिश थमने के साथ ही ठहरे पानी मे डेंगू मच्छर के लार्वा पनपते है और यही वजह है कि इस वर्ष भी बारिश थमने के साथ ही डेंगू के मरीज अचानक बढ़ गए एसएमएस अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर रमन शर्मा ने बताया कि डेंगू एक मौसमी वायरल डिजीज है जो मच्छर के काटने पर होती है. एक मच्छर आसपास के 50 घरों में डेंगू बीमारी फैला सकता है. इन दिनों अस्पतालों में डेंगू के सबसे अधिक मरीज आ रहे है जिनमे अधिकांश मरीज सीरियस स्थिति में अस्पताल पंहुच रहे है. लेकिन 60 से 70 फीसदी डेंगू के मरीज बिना लक्षणों वाले है जिनके हल्का खांसी जुखाम होकर ठीक हो जाते है।