भोपाल । प्रदेश के शहरी उपभोक्ताओं को नए साल से सीवरेज टैक्स और पानी का बढ़ा हुआ प्रभार देना होगा। अभी निकाय सीवरेज व ठोस अपशिष्ट और निस्तारण में प्रति वर्ष खर्च होने वाली राशि का आकलन कर रही है। टैक्स का तय करने निकाय स्तर पर समिति बनेगी। जल प्रदाय के संबंध में भी नए सिरे से दरें तय होंगी।
सीवरेज ट्रीटमेंट ऑपरेशन और इससे जुड़ी शिकायतों में खर्च होने वाली राशि के आधार पर उपभोक्ताओं पर सरचार्ज लगाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने एक पैरामीटर तय किया है। सरचार्जों के निर्धारण के लिए निगम नगर पालिका नप में समिति बनेगी। निगम व नगर परिषद में समिति का अध्यक्ष नगरीय प्रशासन आयुक्त पालिका में संभागीय आयुक्त अध्यक्ष होंगे।

100 फीसदी वसूली पर जोर
निकायों को 100 फीसदी टैक्स वसूली पर जोर देना होगा। वसूली के संबंध में वे प्रति तीन-तीन महीने में वसूली अभियान चलाएंगे। खर्च के अनुसार राशि की वसूली नहीं होने पर शेष राशि निकायों को अपनी निजी निधि से करना होगा। इसके अलावा इन निकायों को अनुदान की राशि भी अन्य निकायों कम मिलेगी। सरकार टैक्स वसूली के आधार पर नगरीय निकायों की टैक्स वसूली के अनुसार ग्रेडिंग की जाएगी। लगातार ग्रेडिंग कम होने पर निकाय के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

15 प्रतिशत से अधिक राशि नहीं बढ़ेगी
उपभोक्ता प्रभार बढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी वित्तीय वर्ष में 15 फीसदी से अधिक राशि नहीं बढ़ाई जाएगी। निकाय पानी का जितना बिल लगाएगी उससे 40 फीसदी से कम सीवरेज उपभोक्ता प्रभार नहीं किया जा सकेगा। प्रति वर्ष अधिभार का निर्धारण प्लाट आवास के कारपेट एरिया के आधार पर की जाएगी।