दौसा। राजस्थान में लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति काफी भयावह होती जा रही है। दौसा जिले के लगभग हर गांव लंपी वायरस से गोवंश को अपनी चपेट में ले लिया है। जिससे ग्रामीण परेशान हैं। यहां समय पर ना तो डॉक्टर मिल रहे हैं और ना ही दवाइयां। इन सभी के बीच आयुर्वेदिक विभाग गायों का अलग तरीके से उपचार कर रहा है। गायों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए देसी इलाज का सहारा लिया जा रहा है। दौसा के रहने वाली समाजसेवी मंजू सीताराम मीणा ने इसको लेकर पहल शुरू की है। वह अपने टीम के साथ आयुर्वेद के सारे लड्डू तैयार कर रहे हैं और उन लोगों को ग्रामीण शहरी क्षेत्र में पहुंचकर लंपी वायरस से पीड़ित गायों को खिला रही हैं।
  आयुर्वेद के लड्डू की जानकारी दी। अब मंजू सीताराम ने लगभग 3 हजार लड्डू बनाए हैं। अब इन लोगों को दिन-रात पीड़ित गायों और पशुपालकों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका दावा है कि इसका असर देखने को मिल रहा है। इनका कहना है कि हमने जिन गायों को लड्डू खिला चुके हैं वहां से कॉल भी आ रहे हैं कि काफी अच्छा असर दिख रहा है। ऐसे में एक बार फिर लंपी वायरस से लड़ने के लिए आयुर्वेद अच्छा खासा सहारा बन सकता है। रोग से गोवंश के बचाव एवं उपचार हेतु आयुर्वेदिक दवा के रूप में निम्न सामग्री का मिश्रण तैयार करके गुड़ रस में लड्डू बनाकर एक-एक लड्डू सुबह शाम अवश्य खिलाएं।
  आयुर्वेद विभाग के सहायक निदेशक समय सिंह मीणा ने बताया कि गायों में जो लंपी की बीमारी आई है। उसका एक बड़ा कारण गर्मी के दिनों में गायों को खाने को कम मिला है। आयुर्वेद के जो लड्डू खिलाएं जा रहे हैं। उनसे इनके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। एक सामान्य एडवाइजरी जारी की गई थी जिसमें आयुर्वेद के अनुष्का का भी जिक्र किया गया और लंपी बीमारी से ग्रसित गायों को दिया जा सकता है जो लड्डू खिलाए जा रहे हैं।