बीकानेर । राजस्थान के करीब सभी जिलों में लंबे समय से गौवंश पर लंपी वायरस का खतरा मंडरा रहा है। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भी गौवंश के काल बनकर आई इस बीमारी का इलाज नहीं मिला है। बीकानेर में लंपी बीमारी गोवंश पर कहर बनकर टूटी है। जिले में रोजाना 200 से ज्यादा गोवंश दम तोड़ रहा है। वहीं अब तक 10 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। लेकिन प्रशासन इन आंकड़ों को छिपाने में लगा हुआ है। निगम प्रशासन की ओर से बीकानेर शहर से महज 5 किलोमीटर दूर जोड़बीड़ क्षेत्र में इन गायों के शव को खुले में फेंका गया है। जिससे दूर तक फैली दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। महापौर सुशीला कंवर ने जोड़बीड़ क्षेत्र का दौरा किया और अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए। उन्होंने जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद से मिलकर हालत के फोटो और वीडियो भी दिखाए।
  इसके साथ ही बीकानेर के डंपिंग यार्ड की फोटो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। इन फोटोज में सैकड़ों की संख्या में मृत गायें पड़ी हुई दिखाई दे रही हैं। साथ ही इसके कई वीडियो भी सोशल मीडिया में चल रहे हैं। वहीं इन फोटोज और वीडियो को लेकर बाड़मेर कलेक्टर ने सफाई भी पेश की है। कलेक्टर ने कहा कि जोहरबीड इलाका मृत पशुओं के लिए बनाया गया है। जहां ठेकेदार के आदमी इन गोवंश की खाल निकालता है और हड्डियां सूखने के बाद बाजार में बेचता है।
  लंपी से मरने वाली गाय को तीन अलग-अलग स्थानों पर डाला जा रहा है। जोडबीड में जो मृत गाय डाली गई हैं, वह शहर भर से लाई गईं हैं। कलेक्टर ने लंपी से मरी गायों को जोड़बीड़ क्षेत्र में डाले जाने की बात को सिरे से खारिज किया है। वही उन्होंने क्षेत्र में फैली दुर्गंध को लेकर निगम अधिकारियों को गोवंश के शवों को दफनाने के लिए कहा है। अब तक सबसे बड़ा सवाल यही है कि एक और प्रशासन लंपी पर काबू पाने में नाकाम साबित रहा है तो वहीं दूसरी ओर गोवंश के शवों को खुले में फेंकना प्रशासन की असंवेदनशीलता दर्शाता है।
  वहीं बीकानेर के डंपिंग यार्ड की तस्वीरें वायरल होने के बाद सियासी बवाल शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरने का प्रयास किया है। वसुंधरा राजे ने इस फोटो को ट्वीट करते हुए लोगों की समस्या उठाई है। राजे ने कहा, यह तस्वीर भले ही बीकानेर की हो, लेकिन पूरे राजस्थान में आज गौमाता की यही स्थिति है। मृत गायों को खुले में फेंकने से संक्रमण तेजी से फेल रहा है। कहीं यह महामारी न बन जाए। क्योंकि मृत गायों की दुर्गंध और प्रदूषण से आस-पास के लोगों में भी अन्य बीमारियां फैल रही हैं।