इंदौर| मध्य प्रदेश की प्रमुख नगरी इंदौर में बुधवार की रात को आयोजित राष्ट्रीय लता मंगेशकर अलंकरण समारोह में कला जगत की हस्तियों को यह सम्मान प्रदान किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से वर्चुअली जुड़े और ऐलान किया कि इंदौर में लता मंगेश्कर की याद में संग्रहालय बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि लता जी सिर्फ गायिका नहीं थी, वे भारत के इतिहास में दर्ज एक महान व्यक्तित्व हैं। उन्होंने अपने अद्भुत गायन से कई पीढ़ियों को दीवाना बनाया। इंदौर में लता दीदी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साथ ही एक ऐसे संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा, जिसमें लता मंगेशकर के गीत और स्मृतियों का संग्रह होगा। यही नहीं लता जी के नाम से संगीत अकादमी और संगीत महाविद्यालय भी प्रारंभ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज लता जी के बिना संगीत सूना और गीत अधूरे हैं, लता जी के गीत उनकी देशभक्ति और संस्कार युगों-युगों तक जीवित रहेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे सभी यात्राओं में अकसर लता जी के गीत ही सुनते हैं।

अलंकरण समारोह में राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान वर्ष 2019 का पाश्र्व गायन के लिए शैलेन्द्र सिंह, वर्ष 2020 के संगीत निर्देशन के लिए आनंद-मिलिंद और वर्ष 2021 के पाश्र्व गायन के लिए कुमार शानू को यह सम्मान प्रदान किया गया।

इस मौके पर संस्कृति मंत्री ठाकुर ने कहा कि गीत और संगीत परमात्मा के पर्याय हैं। सुख शांति और संतुष्टि प्रदान करने में संगीत की अहम भूमिका है। इंदौर के संगीत महाविद्यालय को स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर के नाम पर किया जा रहा है। अब यह विद्यालय लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर को नमन करते हुए और उनके कार्यो को आगे बढ़ाते हुए संस्कृति विभाग संगीत और कला के संरक्षण और संवर्धन के लिए सदैव कार्य करता रहेगा।

अलंकरण समारोह के बाद संगीत संध्या का आयोजन हुआ। जिसमें सुप्रसिद्ध गायिका सुश्री अलका याज्ञनिक एवं ग्रुप, मुम्बई द्वारा संगीतमई और सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी गई।