न्यूयार्क । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद तो अपनी जिम्मेदारियों के प्रति बहुत समर्पित रहते ही हैं, वह अपने मंत्रियों को भी बहुत व्यस्त रखते हैं। दिन हो या रात वह सातो दिन चौबीस घंटे काम करने वाले प्रधानमंत्री हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ‘मोदी एट20 : ड्रीम्स मीट डीलिवरी’ किताब पर हो रही विशेष चर्चा में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने काम के प्रति पीएम मोदी के समर्पण को एक उदारण से समझाने का प्रयास किया। यह उस समय की बात है जब अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में भारतीय दूतावास पर हमले की कोशिश की गई थी।
विदेश मंत्री ने कहा जैसे ही नई दिल्ली तक सूचना पहुंची, हम सभी लोग हरकत में आ गए। हर तरफ से कोशिश की जा रही थी कि किस तरह मदद पहुंचाई जाए और वहां हमारे लोग सुरक्षित रहें। यह सब करते।करते आधी रात हो गई थी, 12.30 बजे से अधिक का समय था। एस जयशंकर ने बताया तभी मेरे फोन की घंटी बजी।
आमतौर पर जब प्रधानमंत्री का फोन आता है तो कोई कॉलर आईडी काम नहीं करता है। मैंने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से सीधा सवाल आया, जगे हो? मैंने कहा, हां सर। पीएम मोदी ने फिर पूछा, टीवी देख रहे हो? क्या चल रहा है वहां (मजार-ए-शरीफ)? इस पर मैंने कहा, सर हमला अब भी जारी है। मदद पहुंचाई जा रही है। उम्मीद है दो-तीन घंटे में स्थिति सामान्य हो जाएगी। पीएम मोदी ने कहा, जब हो जाए तो मुझे बता देना। मैंने कहा, जी सर, जब ऑपरेशन खत्म हो जाएगा तो मैं आपके सूचना भिजवा दूंगा। कुछ पल शांति रही फिर पीएम ने जोर देकर कहा- मुझे बता जरूर देना।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक विलक्षण गुण है। वह काम करते समय घड़ी नहीं देखते। उनका पूरा समय देश और अपने लोगों के लिए समर्पित है। विदेश मंत्री जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए कहा, मैं पीएम मोदी से मिलने से पहले उनको स्पष्ट रूप से पसंद करता था। मैं कुछ स्तरों पर कहूं, जैसा कि कई लोग शिकायत करेंगे, वह एक सूक्ष्म प्रबंधक हैं। मैं कुछ हद तक शांत हो सकता हूं। लेकिन पीएम जिस स्तर की तैयारी करते हैं, वह काबिले तारीफ है। पीएम मोदी अपना दिन सुबह 7।30 बजे शुरू करते हैं और काम करते रहते हैं, थकते नहीं हैं, जबकि उनके साथ काम करने वाले अन्य भले ही थक जाएं। आप पूछते हैं कि क्या प्रधानमंत्री मोदी बदलाव ला सकते हैं, लेकिन मैं कहता हूं पीएम मोदी खुद एक बदलाव का परिणाम हैं। उनके जैसा कोई व्यक्ति समाज के गरीब तबके से निकलकर भारत का प्रधानमंत्री बन गया है, यह दिखाता है कि देश कितना बदल गया है। जब आप राजनीतिक जीवन में होते हैं तो आपको अलग-अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जब कोई शख्स अपने प्रति, अपने काम के प्रति ईमानदार होता है तो उसकी झलक दिखाई देती है।
उन्होंने राजनीति को एक तरफ रखते हुए कहा पीएम मोदी ने राष्ट्रीय नीति पर टिके रहने पर जोर दिया। वह, मुझे क्या कहना चाहिए के अलावा यह भी पूछते हैं कि मुझे क्या नहीं कहना चाहिए, वह फीडबैक भी मांगते हैं। एस जयशंकर ने रेखांकित किया, अच्छा समय हो या बुरा समय, वह हमेशा मार्चे पर मौजूद रहते हैं। राजनेता हमेशा अच्छे समय में दिखाई देते हैं। चीजें मुश्किल होती हैं तो हम पीएम मोदी को लीड करते हुए पाते हैं। हमने कोविड के दौरान यह देखा है हर नेता मुश्किल समय में कदम नहीं बढ़ाता। उन्होंने अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जो अब एक साल से अधिक समय से तालिबान के शासन में है और यूक्रेन में भी, जहां एक साल से अधिक समय से युद्ध चल रहा है।