रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म कराने के लिए मंगलवार को पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने जेलेंस्की से शत्ऱुता को खत्म कर बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर आगे बढ़ने का आह्वान किया था। हालांकि, जेलेंस्की ने अपने जवाब में कहा है कि मौजूदा स्थिति में वह रूस की मौजूदा सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं करेंगे। जेलेंस्की ने कहा, यूक्रेन हमेशा बातचीत के पक्ष में रहा है, लेकिन रूस ही वार्ता के लिए तैयार नहीं हुआ और जानबूझकर कूटनीतिक प्रक्रिया को उसने कमजोर किया। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, शांति स्थापना के लिए हम अपने भागीदारों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। 

यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, फोन कॉल के दौरान जेलेंस्की ने पीएम मोदी के समर्थन का भी आभार जताया है। दरअसल, पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान कहा था कि किसी भी शांति प्रयासों में योगदान करने के लिए भारत हमेशा तत्पर है। इस दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के चार रूसी-कब्जे वाले क्षेत्रों - लुहान्स्क, डोनेत्स्क,  जेपोरिज्जिया और खेरसन में जनमत संग्रह पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यूक्रेनी क्षेत्रों के अवैध कब्जे के प्रयास के उद्देश्य वाले फैसले शून्य हैं और यह वास्तविकता को नहीं बदलते हैं। इस बीच, जेलेंस्की ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए भारत के समर्थन के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया, और भारतीय नेता के हालिया बयान के महत्व पर भी जोर दिया कि अब युद्ध का समय नहीं है।

पीएमओ की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच करीब 35 मिनट तक बातचीत हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत यूक्रेन सहित परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को महत्व देता है। उन्होंने यह भी कहा कि परमाणु सुविधाओं के खतरे में सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए दूरगामी और विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं